अपना आखिरी चुनाव बताने वाले इन दिग्गजों का अब क्या होगा राजनीतिक भविष्य!
विपिन भारद्वाज

Bhind news: साल 2023 के भिंड विधानसभा चुनाव में भिंड जिले के तीन दिग्गज नेताओं ने अपना चुनाव आखिरी चुनाव बताया था. जनता के बीच में अपना चुनाव आखिरी चुनाव बताते हुए वोट मांग रहे थे लेकिन जनता ने इन तीनों ही दिग्गज नेताओं को इतना वोट नहीं दिया कि वह जीत हासिल कर पाते. यही वजह रही कि तीनों दिग्गज नेता बुरी तरह हार गए, लेकिन अब इन तीनों दिग्गज नेताओं के राजनीतिक भविष्य को लेकर क्या तस्वीर रहेगी यह अपने आप में बड़ा सवाल है? दरअसल लहार विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर गोविंद सिंह समेत बीएसपी पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे रसाल सिंह और भिंड विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने इस बार अपने चुनाव अभियान के दौरान जनता के बीच में जाकर खुलेआम इस बात का ऐलान किया था कि यह चुनाव उनका आखिरी चुनाव है. डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि वे आखिरी बार चुनाव लड़ रहे हैं इसके बाद में चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसी तरह रसाल सिंह ने भी अपने समर्थकों से कहा कि वे आखिरी बार चुनाव लड़ रहे हैं और अब भविष्य में वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. इन दोनों की तरह ही चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने भी अपने चुनावी जनसंपर्क के दौरान अपने समर्थकों और जनता से बार-बार कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है, इस बार जरूर जिता देना. तीनों ही नेता जनता के बीच पहुंचकर अपने-अपने चुनाव को आखिरी चुनाव बताकर सिंपैथी वोट हासिल करने की कोशिश करते रहे, लेकिन इन तीनों ही नेताओं को मतदाताओं ने इतना वोट नहीं दिया कि वह जीत दर्ज करा पाते. लहार विधानसभा सीट से डॉक्टर गोविंद सिंह और रसाल सिंह दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा, जबकि यहां की जनता ने भाजपा प्रत्याशी अंबरीश शर्मा को अपना विधायक चुन लिया. इसी तरह भिंड विधानसभा से भी चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को हार का सामना करना पड़ा और यहां के मतदाताओं ने भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह कुशवाह को अपना विधायक चुन लिया. अब इन तीनों ही दिग्गज नेताओं के सामने उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह तीनों नेता इस बार के विधानसभा चुनाव को अपना आखिरी चुनाव बता रहे थे, लेकिन क्या आने वाले 2028 के चुनाव में यह तीनों नेता एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरेंगे या फिर यह अपने स्थान पर किसी नए नेता को जनता के बीच उतारेंगे और उसे अपना समर्थन देंगे? इस बात का खुलासा तो आगामी विधानसभा चुनाव के समय ही होगा, लेकिन फिलहाल इन तीनों दिग्गजों को मिली हार के बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर उनके समर्थकों में भी असमंजस देखा जा रहा है.