इस बार दशहरे पर शस्त्र पूजन नहीं कर पाएंगे लाइसेंस धारी शस्त्र धारक
विपिन भारद्वाज
भिंड। कंधे पर बंदूक लटका कर चलना चंबल में शान समझा जाता है। बंदूक से चंबल इलाके में बेहद प्रेम किया जाता है और यही वजह है कि बंदूक को लेकर चंबल के लोगों में दीवानगी देखी जाती है लेकिन यही बंदूक जब कंधे से उतरकर थाने में जमा हो जाती है तो शस्त्रधारी बेचैन रहते हैं। विधानसभा चुनाव की वजह से लगाई गई आचार संहिता के बाद लाइसेंसी हथियारों को थाने में जमा करवाया जा रहा है लेकिन इस बार शस्त्रधारियों को थाने में अपनी बंदूके जमा करना अच्छा नहीं लग रहा है क्योंकि कुछ दिनों बाद दशहरे का त्यौहार है और दशहरे के दिन शस्त्र पूजन करने की परंपरा है लेकिन इस बार के दशहरे के दिन लाइसेंसी बंदूकों की पूजा नहीं कर पाएंगे क्योंकि बंदूके थाने में रखी होगी। ऐसे में लाइसेंस धारी अपने पसंदीदा शस्त्र का पूजन नहीं कर पाएंगे। दरअसल विधानसभा चुनाव को देखते हुए मध्य प्रदेश में आचार संहिता लगा दी गई है। आचार संहिता लगने के साथ ही जिला कलेक्टर द्वारा लाइसेंसी शस्त्रों को नजदीकी थाना में जमा करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। इस वजह से लाइसेंसी शस्त्रधारी लोग अपनी-अपनी बंदूक को लेकर थाने में जमा करने पहुंच रहे हैं। यूं तो यह प्रक्रिया हर चुनाव में होती है लेकिन इस बार के चुनाव में इस प्रक्रिया ने शस्त्र प्रेमियों को बेचैन कर दिया है क्योंकि इस बार दशहरे के त्योहार पर शस्त्र प्रेमी अपने शस्त्र का पूजन नहीं कर पाएंगे। दशहरे के दिन उनके शस्त्र थानों के माल खाने में जमा रहेंगे ऐसे में बिना शस्त्र पूजन के ही लाइसेंस धारी शस्त्र प्रेमी रह जाएंगे। इस मामले में किशोर शर्मा नाम के एक लाइसेंस धारी का कहना है कि दशहरा का त्योहार उनके लिए इस बार सूनापन जैसा रहेगा क्योंकि हर बार वे अपने शस्त्र को साफ करते थे और उसका पूजन किया करते थे लेकिन इस बार उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं मिल सकेगा।