गजब भिंड-विधायक निधि से स्वीकृत हुए हैंड पंपों का बिना खनन किए ही हो गया भुगतान
गणेश शाक्य
Bhind news: भिंड में भ्रष्टाचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भ्रष्टाचार की हद तो तब हो जाती है जब भ्रष्टाचार का रूप व्यापक हो जाता है या भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच जाता है। भिंड के उमरी इलाके में ऐसा ही भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है जहां मोतीपुरा और देवगण गांव में विधायक निधि से स्वीकृत किए गए हैंड पंपों को बिना खनन कराए ही उनका भुगतान हो गया। इस बात की जानकारी उस वक्त हुई जब शिकायतकर्ताओं ने पूरे मामले की शिकायत की। दरअसल भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाहा ने अपनी विधायक निधि से मोतीपुरा और देवगण गांव में हैंडपंप खनन स्वीकृत किया था। हैंडपंप खनन का कार्य ग्राम पंचायत उमरी द्वारा किया गया था लेकिन मजे की बात यह रही कि मौके पर हैंडपंप लगाए बिना ही उसका भुगतान निकाल लिया गया। जिन लोगों ने हैंडपंप लगवाने के लिए विधायक के दरवाजे के सालों साल चक्कर काटे, उन लोगों को जब इस बात का मालूम हुआ कि हैंडपंप लगाए बिना ही उसका भुगतान हो चुका है तो उनके पैरों तारे जमीन निकल गई। इसके बाद शिकायतकर्ताओं ने विधायक संजीव सिंह कुशवाहा से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक अपनी शिकायत की। शिकायतकर्ता बीरू सिंह और अरविंद का कहना है कि विधायक संजीव सिंह कुशवाहा ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनके हैंडपंप का खनन जरूर किया जाएगा लेकिन मजे की बात यह है कि पहली बार जब विधायक निधि से हैंडपंप स्वीकृत हुआ तो बिना हैंडपंप लगे ही भुगतान हो गया तो भला दूसरी बार क्या गारंटी है कि इस बार भी गोलमाल नहीं होगा? इस फर्जीवाड़े की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों पर पहुंचने के बाद भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने पूरे मामले पर जांच बैठा दी है। कलेक्टर का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।