फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर कर रहे थे नौकरी, पकड़े जाने पर धोना पड़ा नौकरी से हाथ
प्रशांत शर्मा
Morena news: मुरैना में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में तीन शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई है. इन तीनों शिक्षकों ने ग्वालियर के जिला अस्पताल से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया था जो जांच में फर्जी पाया गया है जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना ने इन तीनों शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
दरअसल यह पूरा मामला प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा से शुरू हुआ था. प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में ऐसे कई शिक्षक थे जिन्होंने दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी. खास बात यह थी कि यह दिव्यांग प्रमाण पत्र भिंड मुरैना और ग्वालियर जिले से बनवाए गए थे. यह शिकायत आयुक्त लोक शिक्षण को प्राप्त हुई थी कि फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर कई लोगों ने दिव्यांगों का हक मार लिया है और नौकरियां हासिल कर ली है. यह शिकायत मिलने पर आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव ने दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच करने के निर्देश मुरैना कलेक्टर को दिए थे. जब जांच शुरू हुई तो शुरुआत में ही मुरैना जिला अस्पताल से जारी किए गए 70 दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए जिसके बाद इन सभी 70 अभ्यार्थियों पर मुरैना के सिटी कोतवाली में f.i.r. भी दर्ज हुई. इसके अलावा मुरैना जिले में पदस्थ 19 दिव्यांग शिक्षक भी संदेह के दायरे में आ गए. इन शिक्षकों द्वारा लगाए गए दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच भी शुरू कर दी गई. जून के महीने में मुरैना जिले में पदस्थ 4 दिव्यांग शिक्षकों के दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी एके पाठक ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया था जबकि तीन दिव्यांग शिक्षकों के दिव्यांग प्रमाण पत्र ग्वालियर जिला अस्पताल में जांच के बाद फर्जी पाए गए हैं. इस बात की जानकारी मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना ने सोमवार को फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाने वाले तीनों शिक्षकों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की है. कुल मिलाकर मुरैना जिले में अब तक 7 शिक्षकों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की जा चुकी है.