कौन है वह हुकम का इक्का, जिसे सिंधिया के गढ़ में उतारेगी कांग्रेस
News desk

Loksabha election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी मध्य प्रदेश में अपने सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. कांग्रेस ने भी दो दर्जन सीट पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, लेकिन सिंधिया के गढ़ ग्वालियर और मुरैना में कांग्रेस अपना प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है. यहां कांग्रेस को हुकुम के इक्के की तलाश है, जो सिंधिया के गढ़ में सेंध लगा सके. यह खुलासा खुद कांग्रेस विधायक सतीश सिंह सिकरवार ने रविवार को ग्वालियर में मीडिया के सामने किया है. दरअसल रविवार को फूल बाग चौराहे पर कांग्रेस द्वारा जन संवाद का आयोजन किया गया. यह जनसंवाद का आयोजन कांग्रेस पार्टी के खातों को फ्रीज करने के विरोध में किया गया था. इस आयोजन में ग्वालियर पूर्व विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिंह सिकरवार भी शामिल हुए. यहां मीडिया से चर्चा करते हुए सतीश सिंह सिकरवार ने कांग्रेस की रणनीति का खुलासा कर दिया. कांग्रेस ने सिंधिया के गढ़ माने जाने वाले ग्वालियर और मुरैना लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है, जबकि भाजपा ने ग्वालियर लोकसभा सीट से मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह और मुरैना लोकसभा सीट से पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर को अपना प्रत्याशी बनाया है. सिंधिया के गढ़ कहे जाने वाले इन दोनों ही जिलों में कांग्रेस को अपना प्रत्याशी ढूंढने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. अभी तक कांग्रेस को इन दोनों ही लोकसभा के लिए प्रत्याशी नहीं मिल सका है. इस बारे में जब मीडिया ने विधायक सतीश सिंह सिकरवार से सवाल पूछा, कि आखिर कांग्रेस को प्रत्याशी क्यों नहीं मिल पा रहे हैं? तो इसके जवाब में भी कांग्रेस विधायक सतीश सिंह सिकरवार ने कहा, कि कांग्रेस में प्रत्याशी बहुत ज्यादा है इसलिए उनकी छटनी करनी पड़ रही है और कांग्रेस द्वारा हुकुम के इक्के की तलाश की जा रही है. विधायक सतीश सिंह सिकरवार का दावा है कि कांग्रेस पार्टी ऐसे हुकुम के इक्के को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतरेगी, जो बीजेपी के प्रत्याशी को चारों खाने चित कर देगा. इस हुकुम के इक्के की तलाश लगातार जारी है. आचार संहिता लागू होने के बाद समय बीतता जा रहा है. बीजेपी के प्रत्याशी लगातार क्षेत्र में सक्रिय होकर अपने पक्ष में वोट मांगते हुए नजर आ रहे हैं. वह घर-घर पहुंचकर मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन ग्वालियर और मुरैना में कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित नहीं होने की वजह से यहां अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है. एक तरफ कांग्रेस यह दावा कर रही है कि उन्हें हुकुम के इक्के की तलाश है, तो वहीं दूसरी तरफ निकलता हुआ वक्त उन नेताजी की परेशानी भी बढ़ाने वाला है, जिसे कांग्रेस अपना प्रत्याशी घोषित करेगी. कांग्रेस द्वारा हुकुम के इक्के की तलाश में कितना समय लगेगा और यह हुकुम का इक्का भाजपा प्रत्याशी को चारों खाने चित कर पाएगा, फिलहाल तो इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस को अब तक प्रत्याशी न मिलाना कांग्रेस के लिए शुभ संकेत नहीं है. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर वह कौन सा हुकुम का इक्का है, जिसे कांग्रेस ग्वालियर और मुरैना में टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारने वाली है.