हाथी नहीं दिखा सका भिंड और लहार में दम, इसलिए बीजेपी की हो गई बम बम
विपिन भारद्वाज

Mp election: इस बार के भिंड जिले की विधानसभा चुनाव में हाथी यानी बीएसपी दम नहीं दिखा सकी और यही वजह कांग्रेस की हार का कारण बन गई. भिंड और लहार विधानसभा में कांग्रेस को मिली हार के पीछे बीएसपी प्रत्याशियों को मिले कम वोट को कारण माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी से बगावत करके बीएसपी में शामिल हुए दोनों ही नेता बीजेपी को नुकसान नहीं पहुंचा सके. दरअसल जैसे ही विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भिंड और लहार विधानसभा के प्रत्याशी घोषित किए, वैसे ही पार्टी में बगावत के सुर भी उठने लगे थे. भिंड विधानसभा से बीजेपी ने नरेंद्र सिंह कुशवाह को प्रत्याशी घोषित किया तो संजीव सिंह कुशवाह ने बगावत कर दी और वे बीएसपी में शामिल हो गए. संजीव सिंह कुशवाह बीएसपी से टिकट लाकर चुनाव मैदान में उतर गए. उधर लहार में बीजेपी ने जैसे ही अंबरीश शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया तो रसाल सिंह ने बीजेपी से बगावत कर दी और वे भी बीएसपी में शामिल होकर बीएसपी के टिकट पर चुनाव मैदान में चुनाव लड़ने उतर आए. बीजेपी के दोनों बागी प्रत्याशियों द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि वे अपनी जीत दर्ज करवाएंगे. इसके पीछे का गणित माना जा रहा था कि दोनो बगावती नेताओं के बीजेपी पार्टी में जो समर्थक हैं वह उनको समर्थन देंगे और उनको वोट करेंगे. इसके अलावा बीएसपी का परंपरागत वोट भी उन्हें मिलेगा जिससे उनकी स्थिति मजबूत हो जाएगी. बीएसपी पार्टी के दोनो प्रत्याशियों के दावों के साथ कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत समझ रही थी. कांग्रेस के भिंड विधानसभा से प्रत्याशी चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और लहार विधानसभा से प्रत्याशी डॉक्टर गोविंद सिंह को उम्मीद थी कि बीएसपी के प्रत्याशी भिंड और लहार दोनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी को नुकसान पहुंचाएंगे, लेकिन दोनों ही विधानसभा के बीएसपी प्रत्याशी ऐसा करने में सफल नहीं हो सके. वह बीजेपी को नुकसान नहीं पहुंचा सके, बल्कि पिछली बार के चुनाव में उन्हें जो वोट मिला था वह इतने वोट भी हासिल नहीं कर सके इसलिए भिंड और लहार दोनों विधानसभा सीटों पर बीएसपी तीसरे नंबर पर चली गई और इसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिला. बीजेपी ने दोनों ही जगह अपनी जीत दर्ज कराई. इस तरह हाथी ने यहां पंजे का गणित बिगाड़ दिया और बीजेपी को नुकसान नहीं पहुंचाई पाया. कुल मिलाकर कांग्रेस जहां उम्मीद लगाए बैठी थी कि भाजपा के बगावती उन्हें फायदा पहुंचाएंगे और बीजेपी को नुकसान पहुंचाएंगे वही मामला उलट हो गया और दोनों ही बगावती नेता बीजेपी को नुकसान नहीं पहुंचा सके, जिसकी वजह से लहार में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह और भिंड में पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को हार का सामना करना पड़ा.