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फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल करने वालों की अब नहीं है खैर, जांच हुई शुरू

प्रशांत शर्मा

Morena में दिव्यांग सर्टिफिकेट का बड़ा फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आया है। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करके दिव्यांग का सर्टिफिकेट लगाते हुए नौकरी हासिल करने वाले ऐसे लोगों की जांच शुरू हो गई है जो पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्होंने फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवा लिए हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अकेले मुरैना जिले से ही ढाई सौ से अधिक फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट तैयार किए गए हैं। इन सर्टिफिकेट की फिलहाल जांच की जा रही है। दरअसल कुछ समय पहले कर्मचारी चयन मंडल मध्य प्रदेश द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में 1000 से अधिक पद विकलांग कोटे के लिए आरक्षित थे। इन पदों पर 755 दिव्यांगों की भर्ती की गई लेकिन खास बात यह रही कि 755 दिव्यांगों में से तकरीबन 450 से अधिक दिव्यांग अकेले मुरैना जिले के निकले। खुद को दिव्यांग बताने वाले इन लोगों ने दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल कर ली। इस बात की शिकायत जब दिव्यांग संघ के प्रदेश प्रभारी हेमंत कुशवाह ने निशक्तजन कल्याण के आयुक्त संदीप रजक सिंह की हड़कंप मच गया। निशक्तजन कल्याण आयुक्त ने दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले लोगों के दिव्यांग सर्टिफिकेट के जांच करने के निर्देश दिए जिसके बाद लोक शिक्षण संचनालय के आदेश पर मुरैना जिले में दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एके पाठक ने बताया कि दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है उनके पास 250 से ज्यादा दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच आई है वे इन प्रमाणपत्रों की जांच करवा रहे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है। मुरैना जिले के प्रभारी कलेक्टर इच्छित गढ़पाले का कहना है कि जल्द ही जांच पूरी हो जाएगी और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दिव्यांग प्रमाणपत्रों की जांच की बात सामने आने से उन लोगों में हड़कंप मच गया है जो पूरी तरह स्वस्थ हैं लेकिन उन्होंने दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवा कर शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल कर ली है। बताया जा रहा है कि मुरैना के साथ भिंड और ग्वालियर से भी ऐसे ही दिव्यांग सर्टिफिकेट जारी किए गए। सूत्र तो यह भी बताते हैं इससे पहले भी कई शासकीय नौकरियों में दिव्यांग सर्टिफिकेट को फर्जी तरीके से बनवाकर कई लोगों द्वारा नौकरियां हासिल की गई हैं। अगर इस दिव्यांग सर्टिफिकेट गड़बड़ी का गंभीरता से जांच की जाए तो कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है।

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