जयारोग्य अस्पताल से मरीजों को जबरन किया जा रहा है डिस्चार्ज, परिजनों की आंखों में आ रहे आंसू
शाइनिंग एमपी
Gwalior news: मध्यप्रदेश में शुरू हुई डॉक्टरों की हड़ताल का असर बुधवार की सुबह से ही दिखने लगा है। ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती मरीजों को जबरन डिस्चार्ज करक घर भेजा जा रहा है। अपने मरीजों की पीड़ा देखकर उनके परिजनों के आंसू नहीं थम रहे हैं।
अपनी मांगों को लेकर आज से हड़ताल पर चले गए हैं डॉक्टर।
मध्य प्रदेश के करीब 15000 सरकारी डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को हड़ताल पर चले गए हैं। इस वजह से मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है। ग्वालियर चंबल अंचल में भी डॉक्टरों की हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है। यहां शासकीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है।
जयारोग्य अस्पताल से जबरन किया जा रहा है मरीजों को डिस्चार्ज।
ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती मरीजों को जबरन डिस्चार्ज किया जा रहा है। मरीज दर्द से तड़प रहे हैं। मरीजों को आराम नहीं मिला है लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को छुट्टी देकर उन्हें जबरन घर भेजा जा रहा है। मरीजों के परिजन अपने मरीजों की पीड़ा नहीं देख पा रहे हैं।
छतरपुर से आए छेदीलाल के भाई की भर आई आंखें।
छतरपुर से जयारोग्य अस्पताल में उपचार कराने आए छेदीलाल नाम के मरीज को बुधवार की सुबह सवेरे जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया। 1 अप्रैल को छेदीलाल को भर्ती किया गया था। छेदीलाल दर्द से परेशान हैं लेकिन छेदीलाल की पीड़ा को नजरअंदाज करते हुए बुधवार की सुबह छेदीलाल को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। छेदीलाल के भाई ने इस बात की पीड़ा मीडिया के कैमरे के सामने बयां की तो उनकी आंखों में आंसू निकल आए। दर्द में तड़पते हुए भाई को देखकर आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं लेकिन आंसुओं का असर डॉक्टरों पर बेअसर साबित हो रहा है।
ग्वालियर प्रशासन के सभी दावे हुए खोखले साबित।
स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त बनाए रखने के प्रशासन द्वारा किए गए दावे खोखले साबित हुए हैं। स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए आयुष विभाग से 30 डॉक्टर बुलाए गए थे लेकिन जिस तरह से जयारोग्य अस्पताल से जबरन मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन के सभी दावे खोखले हैं।