पहले छात्रा को सहपाठी ने बाइक पर बिठाकर किया अगवा, फिर हसरत पूरी नहीं होने पर पुल से नीचे फेंका
मनोज तिवारी

Gwalior news: ग्वालियर अब लड़कियों के लिए असुरक्षित होता जा रहा है. बीते दो दिन में ही दो नाबालिक बेटियों के साथ ऐसी क्रूरता भरी घटनाएं सामने आई हैं, जिससे न केवल ग्वालियर शहर, बल्कि पूरा प्रदेश शर्मसार हो गया है. एक दिन पहले ग्वालियर के भंवरपुरा थाना इलाके में एक 15 साल की नाबालिक बेटी के साथ उसके ही माता-पिता के सामने गैंगरेप की घटना हुई, वहीं दूसरे दिन फिर एक 15 साल की नाबालिक बेटी के साथ हैवानियत का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. जब दो लड़कों की हसरत पूरी नहीं हो सकी, तो उन्होंने अपने ही साथ पढ़ने वाली एक छात्रा को पुल से नीचे फेंक दिया. इस वजह से छात्रा की रीड की हड्डी समेत दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए. बीते तीन रोज से छात्रा ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है. दिल को झकझोर देने वाली यह घटना डबरा इलाके की है और घटना का दिन 29 जनवरी की सुबह के वक्त का है, जब दसवीं कहा की एक छात्रा कोचिंग के लिए घर से निकली थी. छात्रा कोचिंग पहुंच पाती इससे पहले ही रास्ते में छात्रा को उसके कोचिंग के दो सहपाठी मिल गए. इन दोनों लड़कों ने छात्रा को जबरन अपनी बाइक पर बिठाकर उसे अगवा कर लिया और छात्रा को लेकर सहराई पुल पर पहुंच गए. यहां दोनों नाबालिग लड़कों ने छात्रा के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की. छात्रा के निजी अंगों के साथ छेड़खानी की. घबराई हुई छात्रा ने जब इस बात का विरोध किया, तो हैवान बन चुके दोनों छात्रों ने छात्रा को उठाकर सहराई पुल के नीचे फेंक दिया. पुल के नीचे गिरते ही छात्रा बेहोश हो गई और दोनों लड़के मौके से भाग गए. छात्रा को इस तरह सड़क पर बेहोश पड़े देखकर राहगीरों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी. जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. छात्रा के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए. बेहोश छात्रा को उपचार के लिए ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. तीन दिन के उपचार के बाद छात्रा को जब होश आया, तो उसने अपने साथ हुई वहशीयत की पूरी कहानी पुलिस के सामने बयां की. जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपी छात्रों के खिलाफ धारा 376 डी और 307 समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करते हुए उनकी तलाश शुरू कर दी है. घायल छात्रा की रीड की हड्डी और दोनों पैरों की हड्डी में फ्रैक्चर बताया गया है. छात्रा का उपचार फिलहाल निजी अस्पताल में जारी है. इस घटना के बाद से अब ग्वालियर के नागरिकों में अपनी बेटियों को लेकर चिंता सताने लगी है, कि आखिर अचानक ग्वालियर शहर बेटियों के लिए इतना असुरक्षित कैसे हो गया है.