कलेक्टर और विधायक भी नहीं कर सके 6 दिन में 600 लोगों की एक समस्या का निराकरण, सरकार के खिलाफ पनप रहा आक्रोश
विपिन भारद्वाज
Bhind शहर के वार्ड 20 में रहने वाले तकरीबन 600 लोग बीते 6 दिन से परेशान है। इनकी परेशानी को न तो कलेक्टर हल कर सके हैं और न ही भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह हल कर सके। परेशान होकर वार्ड 20 के रहवासियों ने अब गोल मार्केट पर धरना शुरू कर दिया है। धरना देने के लिए महिलाएं और बच्चे भी पहुंचे हैं। चुनावी साल में बिजली की समस्या से जूझ रहे वार्ड 20 के रहवासियों के मन में वर्तमान की शिवराज सरकार के लिए गुस्सा भी पनप रहा है। दरअसल जानकारी के अनुसार भिंड शहर की वार्ड 20 की पुरानी बस्ती के पास स्थित ट्रांसफार्मर पिछले 6 दिन से खराब है। इस वजह से इलाके में बिजली सप्लाई बाधित है। भीषण गर्मी में बिजली नहीं मिलने से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। भीषण गर्मी में छोटे-छोटे बच्चे भी बिना कूलर पंखे के परेशान हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने क्षेत्रीय पार्षद की मदद से अपनी बात जिला कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस समेत भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाहा तक भी पहुंचाई लेकिन इसके बावजूद स्थानीय लोगों की समस्या का निराकरण नहीं हो सका। 6 दिन बीत जाने के बावजूद भी इलाके में बिजली सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। यही वजह है कि रविवार को इलाके के रहवासी गोल मार्केट पर धरना देने बैठ गए हैं। धरना में महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ शामिल हुई हैं। स्थानीय रहवासियों में वर्तमान की शिवराज सरकार के खिलाफ भी गुस्सा देखने को मिल रहा है। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि भिंड शहर में जब लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है तो ग्रामीण अंचल में कितने बुरे हालात होंगे? स्थानीय लोगों का गुस्सा सरकार के खिलाफ देखते ही बन रहा है। भीषण गर्मी में धरना देने के लिए मजबूर महिलाएं काफी गुस्से में नजर आ रही हैं। इस मामले में जब शाइनिंग एमपी के प्रतिनिधि द्वारा भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाहा से बातचीत की गई तो भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने कहा कि वार्ड 20 के लोग उनके पास बिजली समस्या लेकर आए थे लेकिन रविवार को छुट्टी होने की वजह से उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो सका है सोमवार को उनकी बिजली समस्या का निराकरण कर दिया जाएगा। विधायक ने छुट्टी का हवाला देकर बात को भले ही टाल दिया हो लेकिन बीच शहर में स्थित एक इलाके की बिजली पिछले 6 दिन से बंद है और जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है इसे लेकर अब बिजली विभाग समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं।